उत्तर प्रदेश उद्यमिता विकास योजना|उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम|up udamta vikas yojana in hindi
उत्तर प्रदेश के प्यारे देशवासियों उद्यमिता विकास योजना के तहत राज्य के युवाओं को बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है ताकि उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके इस योजना के तहत पशुपालन एवं डेयरी उद्योग से तरक्की के द्वार खुल सकते हैं इसके अलावा तकनीकी खेती से आर्थिक मजबूती प्रदान होगी|
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए 33 फ़ीसदी एवं सामान्य वर्ग को 25 फ़ीसदी अनुदान मिलेगा इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में बैंक से ऋण की योजना है उन्होंने बताया कि 2 गाय की डेयरी यूनिट लगाने पर में स 1 लाख 20 हजार में 30 हजारर्व सिटी सामान्य वर्ग के लिए और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए दो गाय पर 2 गाय पर 36 हजार अनुदान हैइस योजना से उनकी आए का साधन मिलेगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा
प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता विकास के स्तर में बढ़ोत्तरी की सम्भावनायें विद्यमान हैं, जिसे दृष्टिगत रखते हुए इस कार्यक्रम में बेरोजगार युवक-युवतियों को खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित करना है ताकि उन्हें आय का स्रोत सुलभ होने के साथ-साथ अतिरिक्त रोजगार का सृजन हो।
उत्तर प्रदेश उद्यमिता योजना के उद्देश्य
उद्यमिता विकास योजना में उत्तरप्रदेश में बैंक से ऋण की भी योजना है, जो आसान किश्तों में बैंक को अदा कर सकते हैं। एलडीएम बीएस मिश्र ने जिले के सभी सीडी रेशियो बढ़ाने में डेयरी मुख्य योजना साबित होगी। बकरी पालन, वर्मी कंपोस्ट से भी किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकता है। पूर्वांचल बैंक खलीलाबाद के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रफुल्लित श्रीवास्तव ने प्रति शाखा एक-एक डेयरी यूनिट को ऋण देने की बात कही।
- प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के पशुओं की उपलब्धता एवं उत्पादन सुनिश्चित करना।
- प्रदेश में उच्च उत्पादक दुधारू पशुओं के सेन्टर आफ एक्सेलेन्स निर्मित करना ।
- पशुपालकों को भविष्य में उच्च गुणवत्ता के पशुओं की प्रदेश में ही उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- छोटे एवं मध्यम पशुपालकों को कामधेनू योजना से जोड़ने हेतु मिनी कामधेनू योजना ली गयी है।
उत्तर प्रदेश उद्यमिता योजना के मुख्य बिन्दु
- प्रदेश में 50 दुधारू गाय/भैंसों की डेयरी इकाईयां स्थापित की जायेगी।
- दुधारू गायों में संकर जर्सी, संकर एच0एफ0 अथवा साहीवाल प्रजाति की गाय होंगी तथा भैंसों में केवल मुर्रा भैंस ही रखी जायेगी।
- 50 दुधारू पशुओं की एक यूनिट स्थापित करने हेतु पशुपालक अपनी सुविधानुसार यह स्वयं निर्धारित करेगा कि उसे यूनिट में समस्त गाय रखनी है या समस्त भैंसें रखनी है अथवा गायें/भैंसें दोनो कितनी-कितनी संख्या में रखनी है। परन्तु गोवंश एक ही प्रजाति का होना अनिवार्य है।
- पशुओं का क्रय प्रदेश के बाहर से किया जायेगा।
- लाभार्थी के पास शेड आदि बनाने की भूमि के अतिरिक्त कम से कम एक एकड़ भूमि होना आवश्यक है।
- एक इकाई की कुल लागत रू0 50.58 लाख है, जिसमें 50 दुधारू पशुओं का क्रय,पशु गृहो एवं भूसा गोदाम आदि का निर्माण सम्मिलित है।
- यूनिट की पूर्ण लागत का 25 प्रतिशत धनराशि रू0 12.64 लाख लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी एवं 75 प्रतिशत धनराशि रू0 37.94 लाख बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी।
- योजना लागत के 75 प्रतिशत पर या लाभार्थी द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 12 प्रतिशत ब्याज की दर से अधिकतम रू0 13.66 लाख की धनराशि की प्रतिपूर्ति 5 वर्षों (60 माह) तक प्रदेश सरकार द्वारा की जायेगी।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर क्लिक करें http://uphorticulture.gov.in
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