सेवा भोज योजना|Seva Bhoj Yojana|Seva Bhoj Yojana in hindi|
प्यारे दोस्तों आज हम अपनी पोस्ट में सेवा भोज योजना की जानकारी देने जा रहे हैं|सेवा भोज योजना के तहत भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारे के लिए घी/तेल/आटा/मैदा/रवा, चावल, दाल, चीनी, बुरा/गुड जैसी कच्ची सामग्री की खरीदारी पर केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर (सीजीएसटी) और एकीकृत वस्तु और सेवाकर (आईजीएसटी) का केन्द्र सरकार का हिस्सा लौटा दिया जाएगा, ताकि लोगों/श्रद्धालुओं को बगैर किसी भेदभाव के निशुल्क भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारा प्रदान करने वाले परोपकारी धार्मिक संस्थानों का वित्तीय बोझ कम किया जा सके।
वित्तीय सहायता/अनुदान के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम पांच वर्षों तक कार्यरत मंदिर, गुरूद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर, धार्मिक आश्रम, दरगाह, मठ जैसे परोपकारी धार्मिक संस्थानों और एक महीने में कम से कम 5,000 लोगों को निशुल्क भोजन प्रदान करने तथा आयकर की धारा 10 (23बीबीए) के तहत आने वाले संस्थान या सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 की XXI) के अंतर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत संस्थान अथवा किसी भी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक धार्मिक संस्था के बनने के समय लागू कानून के तहत जन न्यास के तौर पर या आयकर अधिनियम की धारा 12 एए के तहत पंजीकृत संस्थान इस योजना के तहत अनुदान पाने के पात्र होंगे।
सेवा भोज योजना उद्देश्य
- Seva Bhoj Yojana के तहत ‘चैरिटेबल धार्मिक संस्थानों’ द्वारा विशिष्ट अनिर्मित खाद्य वस्तुओं की खरीद पर प्रदत्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) के केंद्र सरकार के हिस्से को लोगों को निःशुल्क भोजन वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी।
सेवा भोज योजना विशेषताएं
- सेवा भोज योजना व्यक्तियों/श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन प्रदान करने हेतु धार्मिक संस्थानों द्वारा विशिष्ट अनिर्मित खाद्य वस्तुओं की खरीद पर प्रदत्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर के केंद्र सरकार के हिस्से की प्रतिपूर्ति के लिए है।
- सेवा भोज योजना के तहत पात्र संस्थानों के लिए ही यह योजना लागू होगी।
- योजना के तहत गुरुद्वारा, मंदिर, धार्मिक आश्रम, मस्जिद, दरगाह, चर्च, मठ, विहार आदि द्वारा दिए जाने वाले निःशुल्क प्रसाद या निःशुल्क भोजन/लंगर/भंडारा को समर्थन दिया जाएगा।
- योजनांतर्गत वित्तीय सहायता ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर एक वित्तीय वर्ष में इस उद्देश्य हेतु उपलब्ध कोष से दी जाएगी।
- प्रतिपूर्ति के रूप में वित्तीय सहायता धार्मिक संस्थानों द्वारा घी, खाद्य तेल, चीनी/बुर्रा/गुड़, चावल, आटा/मैदा/रवा/सूजी और दालों पर प्रदत्त वस्तु एवं सेवा कर के लिए प्रदान की जाएगी।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में खरीद पर प्रतिपूर्ति की जाने वाली केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर के केंद्र सरकार के भाग की कुल राशि की अधिकतम सीमा वित्तीय वर्ष 2018-19 का 10 प्रतिशत होगी।
सेवा भोज योजना पंजीकरण
- सेवा भोज योजना के तहत पात्र धार्मिक संस्थानों का एक बार ही नामांकन होगा।
- 31 मार्च, 2020 तक संस्कृति मंत्रालय द्वारा पात्र धार्मिक संस्थानों का नामांकन किया जाएगा।
- सर्वप्रथम धार्मिक संस्थानों को नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
- सभी पात्र संस्थानों का दर्पण पोर्टल में पंजीकरण आवश्यक है। मंत्रालय को प्राप्त हुए सभी आवेदनों की जांच चार सप्ताह के भीतर इस उद्देश्य से गठित समिति द्वारा की जाएगी। समिति की सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी ऊपर बताई गई विशेष सामग्रियों पर सीजीएसटी और आईजीएसटी का केन्द्र सरकार का हिस्सा वापस लौटाने के लिए परोपकारी धार्मिक संस्थानों का पंजीकरण करेगा।
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Sri MN kam nai ha 7037363687
Me bhi sewa bhoj yojna se judna chahta hun