pahal yojana|PAHAL scheme launch date|pahal scheme full form: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास को बढ़ावा देने के लिये ‘पीएम विकास पहल’ नाम की नई योजना शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर स्थित गांवों को एक नए जीवंत ग्राम कार्यक्रम के दायरे में शामिल किया जाएगा ताकि इन गावों में विकास को बढ़ावा दिया सके| पहल (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ), भारत सरकार की एक योजना है जिसके अन्तर्गत एक एलपीजी उपभोक्ता को सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि या सब्सिडी सीधे उसके बैक खाते में अंतरित की जाती है। योजना को पहले पहल 1 जून 2013 को शुरू की गई थी और इसमें भारत के 291 जिलों को शामिल किया गया था। योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता के पास आधार नंबर होना अनिवार्य था। योजना की व्यापक समीक्षा और उपभोक्ता के सामने आने वाली कठिनाइयों की को देखते हुए योजना में यथोचित संशोधन किए गए।
पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ‘‘पहल’’ योजना के तहत मार्च 2019 तक 59,599 करोड़ रुपए की अनुमानित बचत/लाभ रहा है। आज केंद्रीय वित्त एवं कंपनी मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा अन्य बजट दस्तावेजों के साथ संसद में प्रस्तुत राजकोषीय नीति, जैसी कि राजकोषीय उत्तरादायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2003 के तहत अपेक्षित है, के विवरण में कहा गया है कि इस डीबीटी योजना के तहत 4.23 करोड डुप्लीकेट, नकली/गैर विद्यमान, निष्क्रिय एलपीजी कनेक्शनों को खत्म कर दिया गया है। ‘‘पहल’’ योजना के तहत लाभार्थी बाजार मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर की खरीद करते हैं और उसके बाद अपने बैंक खातों में सीधे सब्सिडी प्राप्त करते हैं।
Pahal Yojana 2022
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प्रधानमंत्री पहल योजना के तहत गैस (एलपीजी) खरीदने वाले व्यक्ति को जो उपहार दिया गया है, उसे सीधे उनके बैंक खाते में जमा किया जाना है।कार्यक्रम में पहली प्रविष्टि के बाद पहला आदेश दिया गया था, उपभोक्ता को 568 रुपये का एकमुश्त अग्रिम प्राप्त होगा।पहल योजना का उद्देश्य यह है कि घरेलू गैस उपभोक्ता को जो अनुदान दिया जाएगा वह क्रय गैस सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी। ऐसे में काफी लोगों को फायदा होगा।पहल योजना के माध्यम से लोगों के बैंक खाते में डायरेक्ट धनराशि जमा करवाई जाएगी।
Pahal Yojana Kya Hai
योजना का नाम | प्रधानमंत्री पहल योजना 2022 |
किसके द्वारा शुरू की गई | भारत सरकार द्वारा |
आरंभ तिथि | 1 जून 2013 |
संशोधित आरंभ तिथि | 2 जनवरी 2015 |
योजना के लाभार्थी | देश के नागरिक |
योजना का उद्देश्य | गैस उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करना |
योजना का लाभ | लोग पुराने तरीके छोड़कर घरेलू एलपीजी का इस्तेमाल कर सकेंगे |
सब्सिडी कैसे प्रदान की जाएगी | सब्सिडी डायरेक्ट बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी |
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प्रधानमंत्री पहल योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण दस्तावेज
इस योजना के तहत महत्वपूर्ण दस्तावेज निम्नलिखित हैं:-
- आधार कार्ड
- रेसिडेंट प्रूफ
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
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- सर्वप्रथम आपको पहल योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।

- वेबसाइट पर जाते ही आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा
- इस होम पेज पर आपको Downloads के विकल्प पर क्लिक करना है

- क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा
- इस पेज पर आपको Unified PAHAL Joining Form के आगे हिंदी या इंग्लिश का चयन करना है
- चयन करने के बाद आपके सामने पंजीकरण फॉर्म पीडीएफ फाइल में खुलकर आएगा।
- इस फॉर्म को आपको डाउनलोड के बटन पर क्लिक करके डाउनलोड करना होगा
- डाउनलोड करने के बाद इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी आपको दर्ज करनी होगी
- जानकारियां दर्ज करने के बाद आपको अपने सभी दस्तावेज अटैच करने होंगे
- दस्तावेज अटैच करने के बाद इस फॉर्म को आपको एजेंसी संचालक के पास जमा कर देना होगा।
- इस प्रकार प्रधानमंत्री पहल योजना के अंतर्गत आपका आवेदन हो जाएगा।
पहल योजना की शुरुआत कब हुई थी?
पहल (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ), भारत सरकार की एक योजना है जिसके अन्तर्गत एक एलपीजी उपभोक्ता को सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि या सब्सिडी सीधे उसके बैक खाते में अंतरित की जाती है। योजना को पहले पहल 1 जून 2013 को शुरू की गई थी और इसमें भारत के 291 जिलों को शामिल किया गया था।
पहल स्कीम क्या है?
जनवरी 2015 से डायरेक्टर एलपीजी सिलेंडर से जुड़ी बेनीफिट ट्रांसफर स्कीम (पहल) एक योजना है जिससे रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी के पैसे सीधे लोगों के खाते में पहुँचते हैं। खास बात यह है कि इस योजना का नाम दूसरी बार बदला गया है। शुरुआत में इसका नाम डीबीटीएल था, फिर एमडीबीटीएल हुआ और अब यह योजना “पहल‘ के नाम से जानी जाएगी।
डीबीटीएल निधि अंतरण क्या है?
DBTL का क्या मतलब है? एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटीएल, हिंदी: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, प्रतिज्ञा हनसंतृत लब्, पहल) एक योजना है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के सब्सिडी प्रशासन में सुधार करना है। इस योजना के अनुसार, एक एलपीजी उपभोक्ता पूरे बाजार मूल्य पर रसोई गैस खरीदेगा।