UPI New Rules 2025 अब आपका यूपीआई फ्री नहीं रहेगा। इसके इस्तेमाल पर आपको पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। 1 अगस्त से UPI में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं जिनका सीधा असर आपकी जेब पड़ेगा। इनमें बार-बार बैलेंस चेक करने पर चार्ज और लिमिट से ज़्यादा ट्रांजैक्शन पर पेनल्टी जैसे नियम शामिल हैं। अगर आप UPI यूजर हैं तो इन बदलावों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
NPCI के मुताबिक, हर महीने UPI पर करीब 16 अरब ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. अप्रैल और मई में UPI आउटेज की कई शिकायतें आई थीं. अब नए नियमों से न सिर्फ सिस्टम पर दबाव कम होगा, बल्कि आपकी ट्रांजैक्शन भी पहले से ज्यादा स्मूद और भरोसेमंद होगी.
आज की तारीख में यूपीआई सबकी जरूरत बन गई है। लोग पॉकेट में पैसे रखने के बजाय मोबाइल फोन लेकर चलते हैं। कहीं कुछ पेमेंट करना हो तो पैसे नकद देने के बजाय मोबाइल फोन के फाइनेंशियल ऐप से कर देते हैं। इसी यूपीआई से जुड़े नियमों में आज से महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं।
New UPI Rules From August 1
UPI New Rules 1 August : 1 अगस्त (UPI New Rules 1 August) से यूपीआई (UPI) में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आपकी जेब पड़ेगा। इनमें बार-बार बैलेंस चेक करने पर चार्ज और लिमिट (UPI balance check limit) से ज़्यादा ट्रांजैक्शन पर पेनल्टी जैसे कई नियम शामिल हैं। अगर आप UPI यूजर हैं तो इन बदलावों के बारे में आपका जानना बेहद जरूरी है। तो चलिए एक-एक कर जानते हैं कि आखिर कौन से हैं वो बदलाव?
UPI New Rules from 1 August: 1 अगस्त से देशभर में UPI पेमेंट सिस्टम से जुड़े नए नियम लागू हो गए हैं. ये बदलाव सीधे तौर पर आपकी जेब, आपके ऐप और आपकी रोज की डिजिटल आदतों पर असर डालेंगे. अगर आप रोज़ाना कई बार UPI से ट्रांजैक्शन करते हैं, बैलेंस चेक करते हैं या पेमेंट स्टेटस देखते हैं तो अब सावधान हो जाइए. क्योंकि अब इन पर लिमिट लगा दी गई है.
NPCI (National Payments Corporation of India ) ने यह कदम UPI सर्वर पर बढ़ते लोड और बार-बार आउटेज की समस्या को रोकने के लिए उठाया है. आइए जानते हैं, आज से आपके लिए क्या-क्या बदल गया है
UPI में क्या-क्या बदलेगा?
यूपीआई में एक अगस्त से मुख्य पांच बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। जिनमें शामिल हैं:
- बैलेंस चेक लिमिट
- ऑटेपे तय समय पर ही
- पेमेंट रिवर्सल में लिमिट
- पेमेंट स्टेटस चेक करने में लिमिट
- ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखने पर लिमिट
1. बैलेंस चेक लिमिट
अभी तक UPI यूजर्स दिन में जितनी बार चाहें, उतनी बार बैलेंस चेक कर सकते हैं। लेकिन अब इसमें लिमिट लगा दी गई है। 1 अगस्त से एक यूजर दिनभर में 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएगा। NPCI (National Payments Corporation of India) के मुताबिक, ये लिमिट इसलिए रखी गई है, ताकि अन्य जरूरी पेमेंट के दौरान सर्वर पर किसी प्रकार का दबाव ना पड़े और यूपीआई पेमेंट में कोई बाधा ना आए।
2. ऑटेपे तय समय पर
आमतौर पर ऑटोपे से पैसे 24 घंटे में कभी डिडक्ट हो जाते हैं। लेकिन अब ये सुविधा सिर्फ सुबह 10 बजे से पहले और दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक ही काम करेगी। तय समय के बाद आप कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे। यानी आपको इसमें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खासकर उन पेमेंट्स के लिए जो आपने ऑटोपे पर सेट कर रखी हैं। जैसे- यूपीआई के थ्रू एसआईपी, डिजिटल इन्वेस्टमेंट या फिर ओटीटी एप की पेमेंट।
3. पेमेंट रिवर्सल में लिमिट
अब चार्जबैक यानी पेमेंट वापस पाने की भी एक लिमिट तय कर दी गई है। अब हर यूजर एक महीने में सिर्फ 10 बार चार्जबैक की रिक्वेस्ट कर सकता है। और किसी एक व्यक्ति या कंपनी से आप सिर्फ 5 बार ही पैसे वापसी की मांग कर सकते हैं।
4. पेमेंट स्टेटस चेक करने में लिमिट
आमतौर पर यूजर दिन में कई बार पेमेंट करने के बाद पेमेंट स्टेटस चेक करते हैं। NPCI ने इस पर भी लिमिट लगा दी है। यानी अब आप एक दिन में पेमेंट स्टेटस 3 बार ही देख पाएंगे। इनमें कम से कम 90 सेकेंड का गैप होना अनिवार्य है।
5. ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखने पर लिमिट
अब हर यूजर एक दिन में किसी एक ऐप से सिर्फ 25 बार ही अपने बैंक खाते की डिटेल्स देख सकेगा। इससे बार-बार बैलेंस चेक करने या ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखने पर लिमिट लग गई है।
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