Ghar Ghar Aushadhi Yojana 2022″घर घर औषधि योजना

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प्यारे दोस्तों आज हम अपने इस आर्टिकल में घर-घर औषधि योजना की जानकारी देने जा रही हैं| हम आपको बताएंगे कि Ghar Ghar Aushadhi Yojana 2022 क्या है| आप किस प्रकार  घर-घर औषधि योजना राजस्थान का लाभ उठा सकते हैं|घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि औषधि का महत्व समझकर आगे बढ़ना होगा. सीएम गहलोत ने सभी से पौधे लगाने की अपील की हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि संजय गांधी के वक्त में 45 साल पहले वृक्षारोपण का अभियान चला था|आज पूरे देश में सड़कों के किनारे बड़े पेड़ नजर आते हैं. उसी तरह का माहौल देश में फिर बनना चाहिए|

आज विश्व के सामने ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती है. जब प्रकृति के खिलाफ हम जाते है तब यह स्थिति होती है. प्रकृति की जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं|सीएम गहलोत ने कहा कि तुलसी का हमारी परंपरा में विशेष स्थान हैं. 5 साल में 30 करोड़ पौधे प्रदेश में लगाए जाएंगे. जन आंदोलन के रूप में यह कार्यक्रम चलना चाहिए. तब ही इस योजना का मकसद पूरा हो सकेगा. कोविड ने बता दिया कि पर्यावरण का क्या महत्व है. दूसरी लहर में पता लगा कि ऑक्सीजन का महत्व क्या है|

Ghar Ghar Aushadhi Yojana

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आपको बता दें कि घर-घर औषधि योजना और 72वें वन महोत्सव की सीएम गहलोत ने CMR पर गिलोय का पौधा लगाकर शुरूआत की. मुख्यमंत्री आवास पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी मौजूद रहे हैं. घर-घर औषधि योजना पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया.सीएम गहलोत ने प्रचार सामग्री का विमोचन किया. वन विभाग औषधीय गुण वाले 8 पौधों की किट दी जाएगी|

Ghar Ghar Aushadhi Yojana Detail in Hindi

योजना का नाम घर घर औषधि योजना (GGAY)
राज्य राजस्थान
शुरुआत 2022
लाभ औषधीय पौधों का वितरण
लाभार्थी  राजस्थान के निवासी
अधिकारिक वेबसाइट (Official website) forest.rajasthan.gov.in

Ghar Ghar Aushadhi scheme का उद्देश्य

देश में कोरोना महामारी की वजह से लोगों की इम्युनिटी पावर कम हो गई है। लोगों की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा औषधीय पौधों को घर घर देने की योजना बनाई है। राज्य सरकार द्वारा घर-घर औषधि योजना की शुरुआत 1 अगस्त 2021 से की गई है। राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए और उनके स्वास्थ्य के प्रति एक सराहनीय कदम है। इस योजना के माध्यम से बताया जाएगा कि तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेध जैसे औषधीय पौधों लोगो की क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छे हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के माध्यम से औषधीय पौधों का संरक्षण और संवर्धन किया जा सकेगा।

राजस्थान घर घर औषधि योजना 2022 क्या है:-

घर घर औषधि योजना का लक्ष्य राज्य में रहने वाले सभी 1,26,50,000 (2011 की जनगणना के अनुसार) परिवारों तक पहुंचना है | मेगा योजना सभी परिवारों को चार चयनित औषधीय जड़ी बूटियों के पौधे घर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी: –

तुलसी
गिलोय
कालमेघ
अश्वमेघ

योजना की पांच साल की अवधि में, प्रत्येक परिवार 24 पौधे प्राप्त करने का हकदार होगा, जो पहले वर्ष में 8 पौधों से शुरू होता है, जो कुल मिलाकर 30 करोड़ से अधिक पौधे होते हैं. योजना के पहले वर्ष में 50 फ़ीसदी परिवार लाभान्वित होंगे, जिनकी संख्या करीब 63 लाख 25000 होगी. इन परिवारों के लिए 5 करोड़ 60 लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है जिस पर करीब 31 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च होंगे. योजना के दूसरे वर्ष में भी इतने ही परिवार लाभान्वित होंगे योजना के तीसरे वर्ष में शत प्रतिशत परिवार लाभान्वित होंगे जिनकी संख्या एक करोड़ 26 लाख 50 हजार होगी. इनके लिए 10 करोड़ 12 लाख पौध तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. जिस पर करीब 62 करोड़ 80 लाख रुपए खर्च होंगे. कुल मिलाकर 5 वर्ष की इस योजना में राज्य के सभी परिवारों को तीन बार 8-8 औषधीय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे जिस पर कुल 210 करोड रुपए राशि खर्च होगी|

राजस्थान घर-घर औषधि योजना के लाभ

  • इस योजना के माध्यम से राज्य के प्रत्येक परिवार को औषधि पौधे दिए जाएंगे।
  • योजना के तहत राज्य के लगभग 1.26 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा।
  • घर घर औषधि योजना के तहत लोगों की मिलती पावर को बढ़ाया जाएगा , जिससे लोग स्वस्थ रह सकें।
  • योजना के तहत राज्य के लोगों को जागरूक किया जाएगा।
  • राज सरकार द्वारा इस योजना को 2021 से लेकर 2024 तक चलाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार के लोगों को दो-दो औषधि के पौधे दिए जाएंगे।

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घर-घर औषधि योजना का क्रियान्वयन:

इस योजना के तहत प्रदेश के एक करोड़ 26 लाख परिवारों को आठ-आठ औषधीय पौधे निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे. प्रत्येक परिवार को तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा के दो-दो पौधे मुफ्त वितरित किए जाएंगे. पांच साल में हर परिवार को तीन बार आठ-आठ पौधे निशुल्क उपलब्ध होंगे

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