अविका कवच योजना|अविका कवच बीमा योजना| राजस्थान अविका कवच बीमा योजना|Rajasthan Avika Kavach Yojana|Avika Kavach Yojana in hindi|
प्यारे दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में अविका कवच योजना की जानकारी देने जा रहे हैं| हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार अविका कवच बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं|अविका कवच बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान राज्य के भेड़पालको को उनकी भेड़ो का अनुदानित प्रीमियम पर बीमा करवाकर उन्हें आर्थिक रूप से सम्बल प्रदान करना है|
अविका कवच बीमा योजन के तहत बीमित भेड़ की मृत्यु होने की स्थिति में बीमा धन राशि का पुर्नभरण करना है| ताकि जोखिम की पूर्ति की जाकर राज्य के भेड़पालकों को आर्थिक हानि से बचाया जा सके| दोस्तों राजस्थान अविका कवच बीमा योजना की शुरुआत राजस्थान राज्य के भेड़पालको के लिए की गई है|
अविका कवच बीमा योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ पालने वाले गरीब होते हैं. इनकी एक या उससे अधिक भेड़ की मृत्यु हो जाने से उनकी मासिक आय में बहुत बड़ा नुकसान होता है|Avika Kavach Yojana के आने ने उन्हें इसके नुकसान से मुक्ति मिलेगी, और उनका विकास होगा|Rajasthan Avika Kavach Yojana के अनुसार भेड़ के मालिक प्रत्येक भेड़ पर 100% बीमा प्राप्त कर सकेंगे|
अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एस.सी./ एस. टी.), बी.पी. एल. श्रेणी के भेड़पालक को 80 प्रतिशत एवं सामान्य श्रेणी के भेड़पालक को 70 प्रतिशत है| अनुदानित बीमा के लिए भेद यूनिट की अधिकतम कीमत 50 हजार रूपये होगी|
राजस्थान अविका कवच बीमा योजना के लिए पात्रता
- अविका कवच योजना अंतर्गत ऐसे समस्त भेड़पालक पात्र होंगे जो भामाशा कार्ड धारक है|
- बीमित की जाने वाली भेड़ किसी अन्य योजना के अंतर्गत बीमित नहीं होनी चाहिए|
- अविका कवच बीमा योजना में प्रत्येक परिवार की अधिकतम पाँच भेड़ यूनिट का बीमा अनुदानित प्रीमियम पर किया जावेगा|
- भेड़ की एक यूनिट में दश (10) पशु मानते हुए एक परिवार की कुल ५० भेड़ो का बीमा अनुदानित प्रीमियम पर किया जावेगा|
अविका कवच योजना के लिए जरूरी कागजात
- आधार कार्ड की प्रति
- भेड़पालक के हिस्से की प्रीमियम राशि
- बीमा हेतु आवेदन पत्र
- भेड़ का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
- भेड़ के कान में टैग सहित भेड़पालक का फोटो
- भामाशाह कार्ड की प्रति बी.पी.एल. कार्ड/एस.सी./एस. टी. से सम्बंधित दस्तावेज की प्रति
- बैंक का नाम, खाता संख्या एवं आई.एफ.एस. सी. कोड
अविका कवच बीमा योजना बीमा कैसे लें
- सभी पशुपालकों को उनके भेड़ की मौत के बारे में सम्बंधित विभाग को जानकारी देनी होगी. यह जानकारी भेड़ की मौत के 6 घंटे के अंदर दी जानी चाहिए. यदि भेड़ की मौत रात में होती है तो उसे दुसरे दिन सुबह इसके बारे में विभाग को जानकारी देनी होगी|
- एक बार बीमा कंपनी या राज्य पशुपालन विभाग को यह जानकारी देने के बाद ऑथोरिटी द्वारा एक जांचकर्ता को नियुक्त किया जायेगा. उस मरे हुए भेड़ को दिए गये 6 घन्टे के अंदर ही जांचना होगा|
- यदि उस समय सीमा के अंदर जांचकर्ता की नियुक्ति नहीं हो पाती है तो ऑथोरिटी को एक प्रतिष्ठित पशु चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा भेड़ के पोस्टमार्टम का आदेश दिया जायेगा. यह राज्य पशु अस्पताल में भी किया जा सकता है|
- इसके बाद मरे हुए भेड़ की उसके मालिक के साथ एक फोटो लेने की जिम्मेदारी इसके इन चार्ज की होगी. इसमें भेड़ के कान पर लगा हुआ टैग स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए|
- यह हो जाने के बाद बीमा पालिसी धारक को बीमा कंपनी को इसके बारे में बताने के लिए कॉल या एसएमएस करना होगा. आवेदक को अपने सभी दस्तावेजों को तैयार रखना आवश्यक है|
- इसके बाद पालिसी धारक को बीमा कंपनी से दावा करने के रूप में एक फॉर्म भरने की आवश्यकता होती है. इसमें वे अपनी सारी जानकारी सही – सही भरें और इसे जमा कर दें|
- इसके बाद सभी दस्तावेज के साथ भेड़ के मालिक को भेड़ की मौत का प्रमाण पत्र, मृत भेड़ की फोटो और भेड़ के कान में लगा हुआ मूल टैग बीमा कंपनी में जाकर जमा करना होता है|
- फिर बीमा कंपनी द्वारा सभी दस्तावेजों की जाँच की जाएगी. यदि सभी चीजें जगह पर हैं, तो भेड़ के मालिक को जितनी जल्दी हो सकें बीमा राशि प्रदान हो जाएगी|
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Nice rool